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कमर्शियल सिनेमा में महिलाओं के चित्रण से इतर कश्यप की फ़िल्में महिलाओं से जुड़े स्टीरियोटाइप्स तोड़ती हैं

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Newsletter                     #SochAajKi                   OPINION                     स्वतंत्र, विद्रोही और अपनी शर्तों पर जीने वाली. अनुराग कश्यप की फ़िल्मों की अदाकाराएं वास्तविकता के करीब होती हैं                     फ़िल्मों में महिलाओं के पात्रों की प्रासंगिकता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. कमर्शियल सिनेमा और आर्ट सिनेमा में तमाम तरह का विरोधाभास देखने को मिला है. बॉलीवुड में बीच-बीच में महिला प्रधान फ़िल्में देखने को मिलती रही हैं लेकिन कमर्शियल सिनेमा ने कहीं न कहीं अदाकाराओं को नाचने-गाने या शोपीस तक ही सीमित कर दिया है.   Read More           MORE STORIES           दुनिया में हैं औरतों से जुड़े कई असंवेदनशील रिवाज़. कहीं उनको मोटा किया जाता है, कहीं मारा जाता है इस दुनिया की आबादी 7.5 बिलियन से भी ज़्यादा है. इस दुनिया में विभिन्न जाति...