बीते मंगलवार की शाम अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई
Newsletter #ArzKiyaHai NEWS बोलने की आजादी का अधिकार कितना आज़ाद है, ये साबित होता है इन लोगों की हत्याओं से फैज़ अहमद फैज़ की मशहूर ग़ज़ल के शेर कुछ इस तरह हैं कि 'बोल, कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल, ज़बां अब तक तेरी है तेरा सुतवां जिस्म है तेरा बोल, कि जां अब तक तेरी है' पर हिंदुस्तान के मौजूदा हालात देख कर लगता है कि ये शेर सिर्फ़ किताबों-कहानियों और मुशायरे तक ही पढ़ने-सुनने अच्छा लगता है. Read More फ़्लाइट के साथ सेल्फ़ी ली, उड़ कर दिल्ली भी पहुंचा, पर पुलिस ने करा दिया थाने में Departure आजकल लोगों के सिर सेल्फ़ी का भूत कुछ ऐसे सवार है कि वो सेल्फ़ी लेने का कोई मौका नहीं चूकते. हालांकि समय-स...