दूसरों की मदद करने में जो ख़ुशी मिलती है, वो किसी और काम में कहां?
Newsletter #ArzKiyaHai EDITOR'S PICK एक प्रोफ़ेसर ने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए ट्रेनों में मांगी भीख और जुटा लिए 50 लाख से अधिक रुपये 'हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खु़दा' कहते हैं अगर किसी काम को हिम्मत से किया जाए, तो ऊपर वाला भी उस काम में आपका पूरा साथ देता है. ऐसा ही कुछ मुंबई के संदीप देसाई के साथ भी हुआ. पेशे से प्रोफ़ेसर, संदीप को कई दफ़ा मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रियों से पैसे मांगते हुआ देखा गया. दिलचस्प बात ये है कि ये ऐसा अपनी निज़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कर रहे हैं. इतना ही नहीं, एक बार भीख मांगने के जुर्म में उन्हें हर्ज़ाना भी भरना पड़ा था. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2012 में संदीप मुंबई की स्थानीय ट्रेनों पर एक जाना पहचाना चेहरा थे. Re...