रजस्वला के कपड़े को भक्तों में प्रसाद के रुप में दिया जाता है
Newsletter #SochAajKi OPINION पीरियड्स को लेकर हमारे संकुचित समाज को अपने हर रिवाज़ से चैलेंज कर रहा है कामाख्या देवी मंदिर भले ही हम नए समाज और नई सोच की तरफ़ अग्रसर हो रहे हों, लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा, कि अभी भी समाज का एक बड़ा तबका मासिक धर्म या पीरियड्स को लेकर असंवेदनशील है. पीरियड्स होने पर आज भी महिलाओं को अलग-थलग कर दिया जाता है, इतना ही नहीं देश के कुछ गांव और कस्बे तो ऐसे हैं, जहां लड़कियों और महिलाओं के साथ जानवरों से ज़्यादा बुरा बर्ताव किया जाता है. Read More MORE STORIES दुनिया बदली, देश के PM बदले, खिलाड़ी भी बदल गए, लेकिन एक इंसान फिर भी जमा रहा, 'आशीष नेहरा' कमबैक किंग आशीष नेहरा को देश उनकी उपलब्धियों के लिए साथ-साथ,...