बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक, इन हत्याकांडों ने मचा दिया था हड़कंप

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OPINION

  
 
     
  देश के ये 5 बहुचर्चित हत्याकांड आज भी बने हुए हैं पहेली, टीआरपी तो मिली, कब मिलेगा इंसाफ़?  
 
    
 
  

दुनिया में आए दिन न जाने कितनी मौतें होती रहती हैं. मरने के बाद कुछ लोग मीडिया की सुर्ख़ियां बन जाते हैं, तो कुछ सिर्फ़ कब्र में दफ़्न हो कर रह जाते हैं. ज़िंदगी कब, क्या रंग लाएगी, ये कोई नहीं जानता. यहां किसी ने मरने से पहले ख़ूब नाम कमाया, तो चर्चा का विषय बन कर रह गया. कुछ ऐसी भी मौते हैं, जिनकी ख़बरें तो ख़ूब बनाई गईं, लेकिन इंसाफ़ आज तक नहीं मिला. आइए नज़र डालते हैं, ऐसी मौतों पर जिन्हें आज भी इंसाफ़ की तलाश है.  Read More

  
 
  

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कोयले के लिए मशहूर धनबाद के झरिया में आसान नहीं है ज़िन्दगी, सौ साल से ज़मीन के नीचे सुलग रही है आग

बबलू एक मकैनिक था. गैराज से लौटते वक़्त वो अपने 10 साल के बेटे रहीम को चाय पिलाते हुए, चाय वाले से बात करने लगा. बात ख़त्म होने ही वाली थी, तभी बबलू ने रहीम से कहा, 'बेटा तुम घर चलो, मैं आ रहा हूं.' रहीम थोड़ा ही आगे बढ़ा था कि बबलू को एक धमाके की आवाज़ सुनाई दी. बबलू और वहां खड़े बाकी लोग उस तरफ़ भागे. वहां पहुंचकर देखा कि ज़मीन के नीचे धमाका होने से 100 फुट गहरी खाई बन गयी है. रहीम उसी खाई में गिर गया था. बचाने के लिए बबलू भी भागा और उसका पैर भी फिसल गया. बाप-बेटे दोनों धधकती आग में स्वाहा हो गए.


  
  


ये दो फ़रिश्ते बना रहे हैं ऐसी लाइब्रेरी, जिसकी दीवार से जुड़ा है लाखों बच्चों का ख़ुशहाल भविष्य

संजुक्त साह और स्वास्तिका गुरंग, दो ऐसे नाम जिन्हें फ़िक्र है उन बच्चों की, जिनके पास पढ़ने के लिए न तो ज़्यादा जगह है और न ही अच्छी किताबें. इन बच्चों की इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए ये दोनों एक मिशन पर निकल चुके हैं. इस मिशन में वो एक विशेष जगह के 100 बच्चों के साथ मिलकर, एक दीवार वाली हाइपरकूल लाइब्रेरी बना रहे हैं, जिसका नाम है Wall O Books. इनमें से ज़्यादातर वो बच्चे हैं, जो तंग जगहों में रहकर पढ़ाई करते हैं.


  
 
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