बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक, इन हत्याकांडों ने मचा दिया था हड़कंप
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कोयले के लिए मशहूर धनबाद के झरिया में आसान नहीं है ज़िन्दगी, सौ साल से ज़मीन के नीचे सुलग रही है आग बबलू एक मकैनिक था. गैराज से लौटते वक़्त वो अपने 10 साल के बेटे रहीम को चाय पिलाते हुए, चाय वाले से बात करने लगा. बात ख़त्म होने ही वाली थी, तभी बबलू ने रहीम से कहा, 'बेटा तुम घर चलो, मैं आ रहा हूं.' रहीम थोड़ा ही आगे बढ़ा था कि बबलू को एक धमाके की आवाज़ सुनाई दी. बबलू और वहां खड़े बाकी लोग उस तरफ़ भागे. वहां पहुंचकर देखा कि ज़मीन के नीचे धमाका होने से 100 फुट गहरी खाई बन गयी है. रहीम उसी खाई में गिर गया था. बचाने के लिए बबलू भी भागा और उसका पैर भी फिसल गया. बाप-बेटे दोनों धधकती आग में स्वाहा हो गए. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
ये दो फ़रिश्ते बना रहे हैं ऐसी लाइब्रेरी, जिसकी दीवार से जुड़ा है लाखों बच्चों का ख़ुशहाल भविष्य संजुक्त साह और स्वास्तिका गुरंग, दो ऐसे नाम जिन्हें फ़िक्र है उन बच्चों की, जिनके पास पढ़ने के लिए न तो ज़्यादा जगह है और न ही अच्छी किताबें. इन बच्चों की इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए ये दोनों एक मिशन पर निकल चुके हैं. इस मिशन में वो एक विशेष जगह के 100 बच्चों के साथ मिलकर, एक दीवार वाली हाइपरकूल लाइब्रेरी बना रहे हैं, जिसका नाम है Wall O Books. इनमें से ज़्यादातर वो बच्चे हैं, जो तंग जगहों में रहकर पढ़ाई करते हैं. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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