होली का रंग तभी चढ़ेगा, जब इन गानों का साथ मिलेगा

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  फागुन की मस्ती को रंगों में लपेट आप तक ले कर आये हैं होली के ये लोक गीत  
 
    
 
  

'जोगी रा सारा रा रा रा' करते हुए फागुन का महीना दरवाज़े पर अपनी दस्तक दे चुका है. कभी बात न करने वाले लोग एक बार फिर साल भर के गिले-शिकवे भुला कर एक-दूसरे पर रंग डालेंगे और रंगों के इस त्योहार में लाल, नीले, पीले रंगों में रंगे दिखाई देंगे. बच्चे, बूढों और नौजवानों के बजाय हर तरफ़ बस वो जोगी दिखाई देंगे, जिनका ज़िक्र हमारे फागुन के लोक गीतों में दिखाई देता है. वैसे भी इन लोक गीतों के बिना होली का मज़ा भी अधूरा-सा ही लगता है.  Read More

  
 
  

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जिन मशहूर Dishes पर हम आज तक हम नाज़ करते आये हैं, वो दरअसल हमारी हैं ही नहीं

हमारा देश स्वाद और व्यंजनों के मामले में सबसे धनी रहा है. जितनी विविधता हमारे यहां रसोई में देखी जाती है, उतनी शायद विश्व के किसी भी देश में देखने को नहीं मिलती. जहां बाहर देशों में लोग जंक फ़ूड और पैक्ड खाने पर जोर देते हैं, वहीं हमारे देश में लोग खुद से पकाकर खाने में विश्वास रखते हैं. यही बात है कि आप देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते ही व्यंजनों में बदलाव देखने लगते हैं. सुबह की चाय से लेकर रात के डिनर तक हम न जाने कितनी चीज़ें खा लेते हैं. लेकिन कुछ चीज़ें जो हमारे रसोई में रच-बस गईं हैं, वो हमारी खुद की नहीं हैं.


  
  


CBSE स्टूडेंट्स को करनी होगी थोड़ी और पढ़ाई, अगले साल से दसवीं में कम्पलसरी हुए 6 विषय

CBSE ने दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है, जिसके अंतर्गत स्टूडेंट्स को अब 5 की जगह 6 विषयों की परीक्षा देनी होगी. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने असेसमेंट स्कीम में बदलाव करते हुए सत्र 2017-18 से एडिशनल सब्जेक्ट को कंपल्सरी कर दिया है.


  
 
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