महिलाओं के शोषण के खिलाफ़ खड़ी रहती हैं शहाना
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अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है, क्या आपको पता है 10 रुपये के असली और नकली सिक्के में फ़र्क? कॉलेज या ऑफिस के साथ वाली चाय की दुकान से जैसे ही चाय पीने के बाद आप दुकानदार को 10 रुपये का सिक्का पकड़ाते हैं, वो झट से उसे नकली कह कर लेने से मना कर देता है. ऐसी सूरत में दुकानदार से कई बार बहस होने के बावजूद आखिर में हार मान कर उसे दूसरा नोट पकड़ाना पड़ता है. वैसे तो ये बात हम उसी समय भूल जाते हैं और सिक्के का इस्तेमाल किसी और दुकान पर कर लेते हैं. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
मनचलों के होश ठिकाने लगाने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं 'बंदूक वाली चाची' शाहजहांपुर की शाहना बेगम को लोग 'बंदूक वाली चाची' के नाम से जानते हैं. शाहना के पति की मृत्यु 17 साल पहले हो गई थी. पति की मृत्यु के बाद शाहाना को कदम-कदम पर महसूस हुआ कि लड़कियों को कमज़ोर समझ कर लोग अकसर उनका शोषण करने की फ़िराक में रहते हैं. इस पुरुष प्रधान समाज से लड़ने के लिए उन्होंने बन्दूक रखना शुरू कर दिया. शाहना अब तक अपने साथ बंदूक रखती हैं. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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