समाज सेवा की मिसाल थे राम किशन ग्रेवाल, बामला गांव के लोग उन्हें हीरो मानते हैं.
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'OROP' की लड़ाई लड़ने वाले राम किशन एक ऐसे समाज सेवक थे, जिन्होंने गांव का नक्शा ही बदल दिया 'वन रैंक, वन पेंशन' के मुद्दे को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आत्महत्या करने वाले 70 वर्षीय पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की मौत पर भले ही देश में सियासी संग्राम मचा हो, लेकिन हक़ीक़त ये भी है कि ये अपने गांव के लिए किसी हीरो से कम नहीं थे. अपनी समाज सेवा से बामला गांव की तस्वीर बदलने के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने कामों से गांव का कायापलट ही कर दिया. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
जापानी बुखार से 73 बच्चों की मौत, दस साल के छात्र ने पीएम को लिखा पत्र, 'सर प्लीज़ हमें बचा लीजिए' ये लाइन चौथी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने लिखी हैं. ओडिशा में जापानी इंसेफलाइटिस से हो रही मौतों का डर लोगों को इस कदर डरा रहा है कि अब वो खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. अपने इसी डर को बयां करते हुए चौथी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है. आपको बता दें कि मलकानगिरी के 505 गांव जापानी इंसेफलाइटिस बीमारी की चपेट में हैं. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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