आखिर क्यों पितृ पक्ष को महापर्व कहा जाता है?
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ये मंदिर और मज़ार धर्म का असली पाठ पढ़ाते हैं. शिव मंदिर से चादर ले जाकर मज़ार में चढ़ाते हैं श्रद्धालु हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर भले ही हमारे देश में कितने विवाद हो चुके हों, पर एकता हमारी संस्कृति में है. चाहे कोई समाज में कितनी भी नफ़रत ही क्यों न घोल दे, पर सच्चाई तो ये है कि हमारे अंदर एक-दूसरे के लिए ढेर सारा प्यार भरा पड़ा है. हिंदुस्तान में आपको कई ऐसी जगहें दिख जाएंगी, जो आपको सद्भावना का पाठ पढ़ाती नज़र आएंगी. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
बिना शोर-शराबा किये, रायपुर का एक रेस्तरां दे रहा है शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि उड़ी हमलों को लेकर देशभर में रोष है, जिसमें 18 सैनिक शहीद हुए कहीं शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कैंडल मार्च निकाला गया, तो कहीं शोक सभा का आयोजन किया गया. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जम कर पाकिस्तान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. पर कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने न ही गुस्सा जाहिर किया और न ही किसी तरह के दिखावे में भाग लिया, फिर भी दिल से शहीदों को नमन किया. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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