बेटे की मौत का गम हंसी में छिपा गई एक मां
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IIT की परीक्षा में दो बार फ़ेल हुआ बिहार का मनीष आज IIT और IIM के हर छात्र से ज़्यादा कमाता है हमारे देश में बच्चे की काबलियत उसके स्कूल और कॉलेज से लगाई जाती है. किसी बड़े और नामी कॉलेज या संस्थान में पढ़ने वाला बच्चा पढ़ाई में बहुत तेज़ होगा, अगर नहीं तो वो अपनी ज़िंदगी में कुछ नहीं कर सकता. लेकिन इस सोच को झंझोड़ देने वाले लड़के का नाम है मनीष भट्टाचार्या. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
हंसी के बादशाह सुनील ग्रोवर की भी आंखें नम कर गया एक मां द्वारा लिखा गया नोट किसी भी दुख दर्द से निकलने का सबसे आसान तरीका है हंसी. किसी भी बीमारी में इलाज के साथ अगर हंसी का सही डोज़ मिल जाए, तो बीमारी से लड़ने की ताकत दोगुनी हो जाती है. और वो लोग बहुत ख़ास होते हैं, जो दूसरों को हंसाने का काम करते हैं. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
इस दम्पति ने अपने 6 बच्चों को School में नहीं, बल्कि Homeschool में पढ़ाकर काबिल बनाया अरुण सी राव, एक ऐसे शख़्स हैं, जो कुछ साल पहले दिल्ली में सुनने में अक्षम लोगों के लिए एक NGO चलाते थे. और उनकी पत्नी Christina जो जर्मन थीं वो अपने होमस्कूल में 6 बच्चों को पढ़ाती थीं. आज वही 6 बच्चे पूरी दुनिया के अलग-अलग कोनों में अपने-अपने NGO चला रहे हैं. साथ ही उनमें से कोई शेफ़ है तो कोई बारटेंडर। ये सब वही काम करते हैं, जो करना उनको पसंद है. | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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