आज़ादी के 69 साल बाद लोगों में धर्म और जात को लेकर कई असमानताएं हैं.

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  'मोहनजोदड़ो' ऐसी नगर सभ्यता का नाम है, जहां के लोगों का जीवन 8 हज़ार साल पहले हमसे बेहतर था  
 
    
 
  

आज हम जो ज़िंदगी जी रहे है, इससे बेहतर और सभ्य ज़िंदगी 8000 साल पहले सिंधु सभ्यता में लोग जी रहे थे. वो ऐसी ज़िंदगी थी, जो काफ़ी सभ्य, स्वच्छ और बेहतरीन हुआ करती थी. इस बात की जानकारी हमें करीब 100 पहले हुई एक खुदाई के बाद हुई थी.  Read More

  
     
  दलित परिवार को शमशान में अंतिम संस्कार करने से रोका गया, मज़बूरन घर के सामने किया दाह-संस्कार  
 
    
 
  

15 अगस्त को 1947 को जब हमें आज़ादी मिली थी, तो देश के नागरिकों को सपना दिखाया गया था कि देश में रहने वाले सभी समान हैं. लेकिन यह सिर्फ़ चुनावी वादों की तरह ही है. आज़ादी के 69 साल बाद लोगों में धर्म और जात को लेकर कई असमानताएं हैं, जिससे कई बार देश को शर्मसार होना पड़ा है.  Read More

  
 
  

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इंडिया की ऐसी तस्वीरें जिन्हें "वेस्टर्न मीडिया" पूरी दुनिया से हमेशा छिपाता है

इंडिया – जिसे सपेरों का देश कहा जाता है, जहां लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार हैं, जहां लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं, जहां ट्रैफ़िक जाम रोज़मर्रा की बात है और खाने के लिए आपको मसालेदार भोजन मिलता है. शायद यही सब-कुछ है जो "वेस्टर्न मीडिया" हमारे देश के बारे में जानती है, और पूरी दुनिया को दिखाती है.


  
  


इन 13 वीरांगनाओं की कहानी साहस, संघर्ष और देशभक्ति की मिसाल हैं

आज़ादी के 69 वर्षों बाद भी भारतियों के दिलों में उन शख़्शियतों के लिए इज़्जत कम नहीं हुई है, जिन्होंने भारत को आज़ाद करवाने में अहम भूमिका निभाई थी. आज भी स्वतंत्रता दिवस पर लोग भारी मात्रा में एकत्रित हो कर इस आज़ाद जीवन के लिए उन स्वतंत्रता सेनानियों का शुक्रिया अदा करते हैं.


  
 
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